ख़ामोशी है हमराह आज कल,
आवारगी है गुमराह आज कल|
फिर आया गिले हज़ार लेके,
वक्त की यही है चाल आज कल|
और कौन सा रंग है अनदेखा,
बस यही है सवाल आज कल|
एक नया सितारा है आसमां में,
उसी का है बवाल आज कल|
बेठे रहें तुझे आँखों में सजाये,
हसीं है फ़िराक आज कल|
दिन सा ढल गया क्यों तू ‘वीर’,
बस यही है मलाल आज कल|
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