वक़्त कट जाता है, गुन गुनाने में..
सांसों ने मुस्कुरा के कहा मौत से,
बस इतना ही दम था, ज़माने में|
वक़्त कट जाता है, गुन गुनाने में..
उनसे कहदो, सच और भी कड़वा है,
सहम गए हैं जो अफ़साने में|
वक़्त कट जाता है, गुन गुनाने में..
कल किसको इल्जाम दोगे ‘वीर’,
जवानी गुज़ार दी मुरझाने में|
वक़्त कट जाता है, गुन गुनाने में..
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